Aditya L1 Earth-Moon Pictures| सूर्ययान की अंतरिक्ष में गज़ब कैमरा-बाजी; आदित्य-एल1 ने पृथ्वी और चांद को एकसाथ कैप्चर किया
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सूर्ययान की अंतरिक्ष में गजब कैमरा-बाजी; आदित्य-एल1 ने पृथ्वी और चांद को एकसाथ कैप्चर किया, नजारा खूबसूरत है, ISRO ने शेयर किया वीडियो

Aditya L1 Earth-Moon Pictures ISRO Shares Latest Video

Aditya L1 Earth-Moon Pictures ISRO Shares Latest Video

ISRO Aditya-L1 Video: चंद्रयान-3 के बाद अब अपना सूर्ययान (आदित्य-एल1) कमाल कर रहा है। अंतरिक्ष में आदित्य-एल1 की गज़ब कैमरेबाजी चल रही है। दरअसल, आदित्य-एल1 ने अपने कैमरे में पृथ्वी और चांद को एकसाथ कैप्चर किया है। इसरो ने इसका वीडियो दिखाया। यह वीडियो 41 सेकेंड का है। वीडियो में पृथ्वी और चांद को परस्पर स्पष्ट दूरी के साथ संग-संग देखा जा सकता है। वहीं पृथ्वी का आकार चांद से बहुत बड़ा नजर आ रहा है। जबकि चांद अंधेरे में छोटे आकार में झलख रहा है। जो कि कुछ देर बाद लुप्त भी हो जाता है।

इधर घूमती हुई पृथ्वी पर भी अंधेरे की छांव देखी जा सकती है। वहीं इसरो द्वारा जारी इस वीडियो में आदित्य-L1 में लगे 7 पेलोड में से दो पेलोड विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) और सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्‍कोप (SUIT) की सेल्फी आधारित झलख भी दिखाई गई है। मसलन, सूर्य के बारे में रहस्यमयी जानकारी हासिल करने निकला आदित्य-एल1 अपने सफर के बीच टाइम-पास कर मौज-मस्ती भी कर रहा है।

 

2 सितंबर को लॉन्च हुआ था मिशन आदित्य-एल1

आपको मालूम रहे कि, मिशन आदित्य-एल1 को इसरो द्वारा 2 सितंबर को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था। बता दें कि, चंद्रयान-3 तो धरती से चांद पर पहुँचने के लिए लगभग 3 लाख 88 हजार किलोमीटर तक ही गया था लेकिन भारत का यह पहला सूर्ययान यानि आदित्य-एल1 धरती से लगभग 15 लाख किलोमीटर (यानि चंद्रमा से करीब 4 गुना ज्यादा) की दूरी तय करेगा और सूर्य की तरफ जाकर (सूर्य पर नहीं उतरेगा) वहां की रहस्यमयी जानकारियां जुटाएगा। सूर्य का अध्ययन करेगा। बताया जाता है कि, आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य पृथ्वी और सूर्य के एल1 पॉइंट (सूर्य-पृथ्वी की चारो ओर की कोर कक्षा) पर नियत रहकर सूर्य का अध्ययन करना है। आदित्य-एल1 मिशन 120 से 125 दिन का बताया गया है।

आदित्य एल1 के बारे में ताजा अपडेट क्या है?

इसरो के दिए अपडेट के मुताबिक आदित्य एल1 ने बीते मंगलवार को पृथ्वी की कक्षा से संबंधित दूसरी प्रक्रिया पूरी कर चुका है। अब आदित्य एल1 10 सितंबर को पृथ्वी की तीसरी कक्षा में प्रवेश करेगा। सूर्ययान की पृथ्वी की तीसरी कक्षा में पहुंचने का समय देर रात लगभग ढाई बजे निर्धारित किया गया है।

बहराल, चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद अब सबकी नजर इसरो के इस सूर्य मिशन पर है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आदित्य एल -1 मिशन से अंतरिक्ष में सूर्य की गतिशीलता, अंतरिक्ष मौसम पर सूर्य के प्रभाव, सूर्य के व्यवहार, सूर्य के तापमान और सूर्य की धरती पर पड़ने वाली पराबैगनी किरणों को लेकर स्पष्ट डेटा मिल पाएगा। साथ ही सूर्य के कई अनसुलझे रहस्यों का खुलासा हो सकता है। बता दें कि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के हमारे वैज्ञानिक मिशन चंद्रयान-3 की सफलता से गदगद हो रखे हैं।